Saturday, August 30, 2008

आजाद भारत के सफर का घटनाक्रम

आजाद भारत के सफर का घटनाक्रम

सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा....जी हां, हमारा वतन, हमारा देश अब 61 वर्ष का हो चला है। देश के एक अरब से अधिक से नागरिक आजाद फिजाओं में सांस ले रहे हैं.. और हम दो हजार बीस तक देश को विकसित राष्ट्रों की कतार में खड़ा करने का सपना देश रहे हैं। ये सपना सच होगा और आने वाली नस्लें यह कह सकेंगीं कि हमें विरासत में आजाद हिन्दुस्तान मिला है। अगर इस शस्य-श्यामला भूमि की उपलब्धियों को खंगाला जाए तो हमने कई स्वर्णिम उपलब्धियां हासिल की हैं। साथ ही, काफी कुछ ऐसा रहा है जिसका दर्द हमें आज तक सालता है।

पिछले 61 सालों पर नजर दौड़ायें तो ऐसा नहीं है कि हमने सिर्फ कामयाबियां ही हासिल की हैं...हमने कुछ गवाया भी है।

हमारी कहानी शुरू होती है 15 अगस्त 1947 से जब देश आजाद हुआ लेकिन आजादी की कीमत हमें देश के विभाजन की कीमत से चुकानी पड़ी. साथ ही, पंजाब और बंगाल में भीषण दंगे हुए। अभी हम संभल ही रहे थे कि 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी कबाइलियों ने देश पर हमला किया। हमने मुंहतोड़ जवाब दिया। 26 अक्टूबर को महाराजा हरि सिंह ने कश्मीर को भारत का हिस्सा मान लिया और कश्मीर के विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।
कश्मीर की ये खुशी मिली ही थी कि 30 जनवरी आते आते उस महात्मा की हत्या कर दी गई जिसके लिए कहा जाता है ...दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। बापू को 30 जनवरी की शाम 5 बजकर 30 मिनट पर दिल्ली के बिड़ला हाउस में गोली मार दी गई। पूरा देश शोक में डूब गया।

1949 आते आते पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम हुआ और 26 जनवरी1950 को भारत गणतंत्र बना... और इसी वर्ष हमने पहले गृहमंत्री और लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल को खो दिया...1951 की शुरुआत में देश से जमींदारी प्रथा का अंत हो गया, लेकिन 1956 में देश में भाषाई समस्या की वजह से गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों का गठन हुआ।

10 अक्टूबर 1962 को देश को अब तक की सबसे बड़ी चुनौती के साथ जूझना पड़ा और चीन के साथ 42 दिन के युद्ध के बाद चीन ने ही एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा की। इसके बाद, दो साल हंसी खुशी से गुजर गए, लेकिन, 27 मई 1964 को देश के एक युग का अंत हो गया और हमने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन को झेला,,साथ ही, जय जवान जय किसान का नारा देने वाले महानायक लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया। इसके बाद शास्त्री जी की अगुवाई में देश ने 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान को नाको चने चबबाए और संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद युद्ध विराम हुआ। 1966 में ताशकंद समझौता किया गया और ताशकंद में गुदड़ी के लाल शास्त्री जी का निधन हो गया। इसके बाद देश में प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की बागडोर संभाली, उधर रीता फारिया देश की पहली विश्व सुंदरी बन गई। इसी साल भारत दुनिया का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश बन गया। 1967 के आते आते देश में हरित क्रांति की शुरूआत हुई...1971 में देश ने पाकिस्तान के साथ तीसरा युद्ध लड़ा और पाकिस्तान के नब्बे हजार सैनिकों ने देश के वीरों सामने हथियार डाल दिए। 2 जुलाई 1972 को शिमला समझौता सम्पन्न हुआ...47 में आजाद हुआ बालक भारत अब जवान हो चला था और पच्चीस साल का कड़ियल जवान ने दुनिया को अपनी जवानी का एहसास कराया 18 मई 1974 को, जब देश ने पहला परमाणु विस्फोट किया...और यहीं से हम परमाणु शक्ति बन गए।

25 जून 1975 को देश ने आपातकाल का दंश झेला और एक हजार राजनैतिक विरोधियों को गिरफ्तार किया गया। 19 महीने के बाद 1977 में आपातकाल समाप्त हुआ और यहीं से भारतीय राजनीति ने करवट ली और कांग्रेस पहली बार लोकसभा चुनाव हारी...और जनता पार्टी के नेतृत्व में देश में पहली जनता सरकार का गठन हुआ। 1969 में जनता सरकार गिरी और देश में सातवें आम चुनाव हुए। कांग्रेस 1980 के आते आते कई गुटों में बंट गई। आम चुनाव में इंदिरा कांग्रेस की जीत हुई और इंदिरा गांधी दुबारा देश की प्रधानमंत्री बन गईं। इसी वक्त भारत ने पहला स्वनिर्मित उपग्रह एएसएलवी का सफल परीक्षण किया और 19 नवंबर 1982 को देश ने पहली बार रंगीन टेलीविजन पर एशियाई खेलों का सीधा प्रसारण देखा। 1983 के आते आते भारतीय क्रिकेट ने एक धमाका किया और भारत क्रिकेट का बादशाह बन बैठा। कपिलदेव निखंज की कप्तानी में देश ने लंदन के लॉर्डस में ये गौरव पाया।

31 अक्टूबर 1984 को देश ने भारी सदमा झेला जब हमें श्रीमती इंदिरा गांधी को बेवक्त गंवाना पड़ा। उनकी हत्या के बाद देश में दंगे भड़के और समाज की नब्ज भांपते हुए कांग्रेस ने राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया। 1986 के आते आते देश राममय हो गया और हर घर में रविवार की सुबह रामानंद सागर की रामायण देखी जाने लगी। 1989 में लोकसभा चुनाव में बोफोर्स तोपों के सौदे की दलाली का मुद्दा छाया रहा..और भारतीय राजनीति में नया परिवर्तन हुआ..कांग्रेस की हार के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के प्रधानमंत्री बने। इसी वर्ष कश्मीर में आतंकवाद तेजी से पनपा। इसके बाद 13 अगस्त 1990 के आते आते भारतीय समाज में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की अधिसूचना जारी की गई। आरक्षण के समर्थन और विरोध में देश भर में प्रदर्शन हुए। भाजपा की समर्थन वापसी से वीपी सिंह सरकार गिरी और सिर्फ चार महीने के लिए युवा तुर्क चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने। 21 मई 1981 के लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान देश ने युवा नेता राजीव गांधी को एक आत्मघाती हमले में खो दिया। इसी साल पीवी नरसिंह राव ने देश की बागडोर संभाली और देश में आर्थिक उदारीकरण का दौर शुरू हुआ। 1992 के आते आते देश का समाज दो हिस्सों में बंट गया और अयोध्या की बाबरी मस्जिद ढहा दी गई। 1993 को मुंबई ब्लास्ट हुए और सैंकड़ों लोग मारे गए। 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने और भाजपा की सरकार विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रही। लेकिन, कांग्रेस के समर्थन से देश की गद्दी एचडी देवगौड़ा ने संभाली। 1998 के आम चुनावों में भाजपा की अगुवाई में अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने.... और 11 से 13 मई के बीच भारत ने 25 साल बाद दूसरा पोखरण परमाणु विस्फोट किया..और दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया। 1999 में वाजपेयी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर शांति घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। इसी साल भारत ने मई महीने में कारगिल की चोटियों पर पाकिस्तान से चौथी लड़ाई लड़ी और दुश्मन को मार भगाया। वर्ष 2000 के आते आते देश की जनसंख्या ने एक अरब का आंकड़ा छू लिया। इसी साल देश में राज्यों की संख्या 28 हो गई...झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तरांचल जैसे नए राज्य बनाए गए।

26 जनवरी 2001 को देश ने गुजरात के भुज में भयंकर भूकंप झेला जिसमें तीस हजार लोग मारे गए। तेरह दिसंबर को देश में लोकतंत्र के मंदिर संसद पर आतंकवादी हमला झेला। इन सबके बीच देश ने हिन्दुस्तान को दुनिया की ताकत बनाने वाले मिसाइल मैन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को बारहवें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया। इसके बाद देश ने कई जगहों पर आतंकवादी धमाकों का सामना करते हुए साल दो हजार तीन में आतंकवादियों के साथ सीमा पर युद्धविराम की एकतरफा घोषणा की। साल दो हजार चार के आते आते देश में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने सिंह इज किंग मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। इसी साल सुनामी ने दक्षिण भारत में कहर बरपाया और हजारों लोग असमय ही काल के गाल में समा गए। 2005 के आते आते भारत में मुजफ्फराबाद और दिल्ली के बीच साठ सालों में पहली बार सीधी बस सेवा शुरू की गई। 29 अक्टूबर को दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में बासठ लोग मारे गए। 2006 का सूरज देश में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना लेकर आया। इसी साल अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ असैनिक परमाणु करार पर सहमति बन गई। 2007 के अप्रैल में भारत ने पहला व्यावसायिक अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किया जो अपने साथ इटली के एक उपग्रह को लेकर गया। 24 सितंबर को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में देश ने ट्वेंटी-ट्वेंटी का पहला विश्व कप अपने नाम किया। 61 सालों की सबसे बड़ी उपलब्धि भी इसी साल मिली जब देश ने आर्थिक दुनिया में क्रांति करते हुए नौ दशमलव चार फीसदी की विकास दर हासिल की। जुलाई में देश ने प्रतिभा देवी सिह पाटिल को पहली महिला राष्ट्रपति बनाया और 2008 में देश ने आजादी के बाद 61 सालो का सूखा खत्म करते हुए ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक जीता, जिसका श्रेय अभिनव बिद्रा को जाता है। देश के सपूत ने दस मीटर रायफल स्पर्धा में देश को ओलपिक खेलो में पहली व्यक्तिगत सफलता हासिल की.........

61 साल का भारत आजादी के पथ पर आगे बढ़ रहा है। खुशी, गम और खट्टी मीठी यादों के बीच सुख भी हमारा है और दुख भी. जरूरत है तो बस इस विरासत को संभालने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की।

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